
दोस्तों इस लेख के माध्यम से मस्तिष्क की एक और खास विशेषता के बारे में बता रहा हुँ। हमारा मस्तिष्क बहुत ही विष्मयकारी है। इसकी पूर्ण क्षमताओं के बारे में जानने के लिए आज भी बड़ी-बड़ी खोज चल रही हैं। बहुत से वैज्ञानिक लगे हुए ताकि मनुष्य के मस्तिष्क को पूरी तरह प्रयोग करने के तरिके उपलब्ध हो पाए।
यह कहना भी कोई अतिशयोक्ति नही होगा कि आज आधुनिक विज्ञान और तकनीक जो भी हम जान पा रहे हैं, प्रयोग कर रहे हैं सभी मस्तिष्क की क्षमताओं का ही नमूना हैं।
ऐसी ही एक क्षमता है मरीचिका या माया और भ्रम भी जिसे कहते हैं। इसका क्षेत्र इतना विशाल है कि मैं तो क्या बड़े-बड़े सिद्ध महात्मन भी माया के बारे मे पूर्णतः नही बतला सकते और न ही हम लोग बिना स्वानुभव के जान सकते हैं। अब जिस भ्रम के बारे में यह लेख लिखा गया है वह बहुत साधारण है, जिसका अनुभवः थोड़ा कम या ज्यादा हम सभी ने किया है।
यह भ्रम हमारे मस्तिष्क में व्यापारीकरण के कारण बनता है या बनाया गया है। धर्म ग्रंथ और ईश्वर की प्रार्थना साधना ही क्या बड़े-बड़े ऋषि-महात्मा मसीह और बुध के बारे मे ऐसी कहानियों को बनाया गया है कि इनके भ्रम जाल से बचना कठिन हो जाता है। अब यदि कृष्ण या राम यदि अपने पारंपरिक परिधान की बजाय कही कुर्ता पायजामा या कोई जीन्स पेंट शर्ट पहन कर सामने आ जाये तो मेरा मस्तिष्क माने नही क्योंकि मेरे मस्तिष्क मे तो उनकी वही तस्वीर बसी है जो बचपन से कहानी सुनता आया हुँ। या यूं कहु की जो पंडितो पुजारिओं ने बेचा वही असली राम हैं, जो टेलीविजन में बेच गया वही राम हैं, वही कृष्ण हैं।
मेरा मस्तिष्क तो मुरली धारी पीताम्बर वाले कृष्ण को ही भगवन् जानता है, यदि हाथ मे धनुष ना हो तो राम नही होंगे वो मेरे।
यह है मस्तिष्क की मरीचिका अब इस भ्रम को तोड़ पाना कहाँ इतना आसान है।
यह भूमिका उदहारण सहित बताने का मेरा उद्देश्य है ताकि मैं अपनी बात जो कहूं वो कारण सहित प्रमाणित हो और मेरी बात आपकी चेतना में गहरे तक उतरे तो जरा मेरी बात का समर्थन कीजियेगा और इसे अन्य लोगो तक ज्यादा से ज्यादा संख्या मे पहुँचाइए ताकि जो हमें काल कपोल कल्पनाओं में आज तक भ्रमित रखा गया है उससे निकल कर ‘शरत सर’ जैसे सच्चे यूगपुरुषो की वास्विकता समग्र संसार मे फैलाई जा सके और इस संसार को प्रेम और सत्य की दिव्य ऊर्जा से बेहतर जगह बनाकर रहा जाए।
सच्चे साधु की पहचान
दोस्तो, मैने देखा कि अक्सर बड़े पंडालो की चकाचौंध हमे सच्चे साधुओं को पहचानने नही देती है, हर बार बड़ी फीस लेकर उपचार करने वाला डॉक्टर मस्तिष्क को ज्यादा लुभाता है बल्कि उसके जो एक आध बार निशुल्क उपचार कर दिया करे।
हमारे ‘शरत सर’ ने भी जब वी के (VK) का अविष्कार किया तो वे भी अपना बड़ा पंडाल लगा सकते हैं, ऊँची मखमली आसन स्थापित कर सकते हैं, हर सीरम (Serum) का, हर नई जानकारी का, हर नई तकनीकी की अलग कीमत तय कर सकते हैं।
अन्य लोगों की तरह शिविर लगा सकते हैं, जहाँ हर हीलिंग का एक कीमत पर्ची के साथ व्यापारीकरण होता है, लेकिन नही हमारे शरत सर ने प्रेम का और जनकल्याण का एक अलग मार्ग चुना है। यहाँ हमारी बड़ी परेशानी की बड़ी कीमत नही लगाई जाती है। यहाँ तो पहली ही बार मैं मुक्त किया जाता है। यहाँ तो आप रोगी या शिष्य नही रह जाते है। आप दूसरों का उपचार भी कर सकते हैं।
मैंने भी और कुछ और भी लोगो ने जानने का प्रयास किया कि शरत सर ने वी के VK से कितना व्यापार कर लिया है? कितनी पूंजी एकत्रित करली है?
मैं भी उन खुशनसीब व्यक्तियों में हुँ जिन्हें अब तक शरत सर से मिलने का मौका मिल चुका है, मैं कई बार शरत सर के निवास पर गया हुँ जहाँ उनकी कमाई पूंजी का ढ़ेर लगा हुआ है।
साथ ही मुझे मौका मिला कि मैं भी इस धन का पूंजी का हिस्सा बन सकूँ और स्वयम के लिए कुछ धन एकत्रित कर सकूं।
दोस्तो आप सभी से वो धनराशि कमाने का तरीका सांझा कर रहा हूँ और यह चक्रवर्ती रूप से बढ़ता है और यहाँ लाभ ही लाभ है।
शरत सर लोगों के जीवन का सकारात्मक परिवर्तन करते हैं और अपना समय और प्रेम दुसरो के कल्याण मे समर्पित करते हैं, जितनी बार वो ऐसा करते हैं और जितने लोगो का आज तक उपचार किया गया है वह सभी इस कड़ी का हिस्सा हैं। आप जितना आगे दूसरों के लिए हीलिंग करते है उतना आपके जीवन में प्रेम और खुशियाँ बढ़ती जाती हैं। उतना ही शरत सर की पूंजी बढ़ती जाती है।
मैने भी अब जीवन भर इसी व्यापार को चुना है। यहां लाभ ही लाभ है। इस पूंजी पर कोई कर नही है। कोई इसे आपसे चुरा नही सकता है। यही नही मृत्यु भी इसे आपसे छीन नही सकती है। आईये आप भी हमारे शरत सर के साथ इस पूंजी का हिस्सा हो जाईये और लाभ ही लाभ लीजिये।
9 Saraswati Mantra for Study, Exams, Students, Focus & Vaak Siddhi in Hindi & English
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Hello sir
Can u give me litairian word for my son , he is 18years old but can’t speak.And now so many behaviour problems coming. Pls help us.
DEAR SHARAT SIR,
I WANT TO KNOW MORE ABOUT DEEPAK TRATAK, IN YOUR INTELLIGENT AND SUPERIOR WORDS.
SO PLEASE GUIDE.
Will write an article about Deepak Tratak soon.
Is there a translation for these articles( in English )? Please, thank you.
Golden Sunrise
Erika Mahadevi Smith
Plz try google translator
Thanks
MANY MANY THANKS AND BLESSINGS TO SHARAT SIR