!!! साईं के सभी भक्तों को जय साईं राम !!!
!!! साईं के सभी विरोधियों को भी जय साईं राम !!!
इस लेख के माध्यम से मैं साईं बाबा के विषय में कुछ तथ्य देना चाहूँगा, ये तथ्य साईं बाबा के विरोधियों के मन में बाबा के प्रति प्रेम उत्पन्न कर सके तो बहुत अच्छा है अन्यथा इस लेख से उन्हें शांति तो ज़रूर मिलेगी।
साईं के विरोधी साईं बाबा पर कुछ इस प्रकार के आरोप लगते हैं कि बाबा मुस्लमान थे इस लिए उनके स्वरुप को हिन्दुओं के सभी मन्दिरों से बाहर कर देना चाहिए।
साईं बाबा को मुस्लमान साबित करने के लिए बाबा के विरोधी जो आरोप लगाते हैं मैं यहाँ उनका जवाब देने जा रहा हूँ। मेरा साईं बाबा व उनके भक्तों से अनुरोध है कि मेरे शब्दों में कोई गलती हो तो वो मुझे क्षमा करें।
आरोप 1. साईं बाबा जब शिरडी आए तो उन्होंने अपने निवास के लिए एक “मस्जिद” को चुना।
उत्तर – इस्लाम के अनुसार जिस जगह पर ख़ुदा की इबादत होती है और रोज़ 5 वक्त की नमाज़ अता होती है उस जगह को मस्जिद कहा जाता है।
पाँच वक्त की नमाज़ इस प्रकार हैं :-
- अमृत वेला की नमाज़ :- “नमाज -ए-फजर” – यह पहली नमाज है जो सुबह-सुबह सूर्य के उदय होने के पहले अता की जाती है।
- दोपहर की नमाज़ :- “नमाज-ए-जुह्ल” – यह दूसरी नमाज है जो मध्याह्न में जब सूर्य ढ़लना शुरु करता है उसके बाद अता की जाती है।
- शाम की नमाज़ :- “नमाज -ए-अस्र” – यह तीसरी नमाज है जो सूर्य के अस्त होने के कुछ वक्त पहले अता की जाती है।
- रात की पहली नमाज़ :- “नमाज-ए-मगरिब” – यह चौथी नमाज है जो सूर्य के अस्त होने के तुरंत बाद अता की जाती है। इसे पश्चिम की नमाज भी कहते हैं।
- रात की दूसरी नमाज़ : “नमाज-ए-अशा” – दिन की अंतिम पाँचवीं नमाज जो सूर्य के अस्त होने के डेढ़ घंटे बाद अता की जाती है।
शिरडी आने के बाद बाबा ने जिस खंडहर सी इमारत को अपने रहने के लिए चुना था, तब वहाँ न तो कोई रहता था न ही कोई वहाँ नमाज़ अता की जाती थी। अब भला एक ईट पत्थर की इमारत खुद कैसे हिन्दू या मुसलमां हो सकती है? बाबा ने उस जगह को अपने निवास के लिए इसलिए चुना कि वो शिरडी के लोगों को कोई कष्ट नहीं देना चाहते थे। आज वही खंडहर सी इमारत विश्व की सबसे पवित्र जगह बन गयी है। बाबा के सभी विरोधी खुद ही विचार करें कि वो खंडहर सी इमारत अच्छी थी या ये दुनिया की सबसे पवित्र जगह अच्छी है, जहाँ लाखों लोगों की मुरादें पूरी होती हैं।
आरोप 2. साईं बाबा अक्सर “अल्लाह मालिक” बोलते थे।
उत्तर – भारत में बहुत से हिंदू अपनी दैनिक बोलचाल में उर्दू के बहुत से शब्द बोलते हैं तो क्या वे सभी हिंदू, मुस्लमान बन जाते हैं? उर्दू भाषा का जन्म उस समय हुआ जब इस्लामिक हमलावरों ने भारत को लूटने के बजाय यहाँ रहना शुरू कर दिया। क्योंकि उनकी अरबी व फारसी भाषा को भारत में समझना मुश्किल हो रहा था और यहाँ की हिंदी व खडी बोली को समझना उनके लिए मुश्किल हो रहा था इसलिए अरबी, फारसी व हिंदी को मिलाकर उर्दू का निर्माण हुआ।
आगे में हिंदी व उर्दू के कुछ ऐसे ही शब्द बता रहा हूँ। आप इन शब्दों को खुद ही पढ़कर देखें और जाने की उर्दू के कितने शब्द आप रोज़ बोलते हैं। यहाँ हिंदी के शब्द लाल रंग से लिखें हैं और उनके उर्दू के अर्थ हरे रंग से लिखें हैं।
(प्राण = जान) (संतान = औलाद) (चिंता = फ़िक्र) (सपने = ख्वाब)
(प्रतिदिन = रोज़) (सिंहासन = गद्दी) (मुकुट = ताज) (भवन = इमारत)
(बुद्धि = अक़्ल) (अधिकतर = अकसर) (समाचार = ख़बर) (आश्चर्यजनक = अजीब)
(अनुमान = अन्दाज़ा) (भीतर = अन्दर) (पछतावा = अफ़सोस) (लालसा = अरमान)
(परिणाम = असर) (अन्त = आख़िर) (ज्वाला = आँच) (अभ्यास = आदत)
(व्यक्ति = आदमी) (साधारण = आम) (विश्राम = आराम) (ध्वनि = आवाज़)
(घुमक्कड़ = आवारा) (गगन = आसमान) (संकेत = इशारा) (पन्ना = कागज़)
(पुस्तक = किताब) (तट = किनारा) (ऊंचाई = क़द) (चाल = क़दम)
(विधान = क़ानून) (अधिकार = क़ब्ज़ा) (पकड़ = क़ाबू) (शपथ = क़सम)
ऐसे हज़ारों और भी उर्दू के शब्द हैं जो साईं विरोधी भी बोलते होंगे, मैं साईं बाबा के सभी विरोधिओं से कहना चाहता हूँ कि वे खुद ही विचार करके निर्णय लें कि क्या वे सब मुस्लमान बन गए हैं ??? यदि नहीं तो फिर ऐसे आरोप लगाना छोड़ दें।
आरोप 3. बाबा जो लंगर लगाते थे उसमे अमिष यानि मांस खिलाते थे।
उत्तर – साईं बाबा के पास सभी धर्मों के भक्त आते थे इसलिए वे सभी का आदर करते हुए उन्हें उनके धर्मानुसार प्रसाद का वितरण करते थे। साईं बाबा ने कभी भी किसी हिंदू को अमिष (मांस) खाने के लिए निमंत्रण नहीं दिया और ना ही कभी बाध्य किया। एक सच्चा संत धर्म से ऊपर उठ चुका होता है इसलिए केवल अध्यात्म को मानता है। अध्यात्म के सामने धर्म का मूल्य कुछ भी नहीं। धर्म अध्यात्म को बढ़ाने का साधन मात्र है। यदि धर्म अध्यात्म में चलने वाले व्यक्ति की राह में बाधा बनता है तो उस धर्म को छोड देना चाहिए। अब साईं बाबा के सभी विरोधी खुद ही विचार करके निर्णय लें कि जो भी व्यक्ति साईं का विरोध करना सीखा रहा है वो निश्चित ही आध्यात्मिक तो होगा नहीं?
आरोप 4. बाबा के स्वरूपों (मूर्तिओं) को सभी मंदिरों से हटा देना चाहिए।
उत्तर – भारत में हिंदू मंदिरों में संतों, कुलदेवतों (जो की इंसान रूप में जन्में थे), वा पूर्वजों के स्वरूपों की पूजा अराधना करने की पुरानी परंपरा है। साथ ही हिंदू मंदिरों में जिन देवताओं की पूजा की जाती है उनमें से कुछ ने तो मानव रूप में भी जन्म लिया था, उदहारण के लिए भगवान राम, भगवान कृष्ण, श्री हनुमान जी, आदि। एक पूर्ण संत की पूजा करना कोई पाप नहीं है, चाहे उस संत का जन्म किसी भी धर्म में क्यों नहीं हुआ हो। अब साईं बाबा के सभी विरोधी खुद ही विचार करें कि जिनके चरणों के मात्र ध्यान से ही मुरादें पूरी हो जाती हैं उनकी पूजा मंदिर में हो या ना हो कोई अंतर नहीं पड़ता, फिर भी मंदिर में साईं पूजा के विरोध का कोई ठोस कारण नहीं है।
आरोप 5. साईं बाबा के मंदिर केवल पैसा कमाने के लिए खुले हैं और ये पैसा विदेशों में भेजा जाता है।
उत्तर – पूरे भारत को ये ज्ञात है कि साईं मंदिर से भी अधिक धन कमाने वाले मंदिर भारत में मौजूद हैं और उस धन का प्रयोग कहाँ और कैसे होता है ये कोई नहीं जानता। साईं बाबा के विरोधी खुद ही विचार करें कि कहीं ऐसा तो नहीं कि साईं बाबा पर आरोप लगाने वाले व्यक्ति के खुद के ही धन प्राप्ति के मार्ग अवरुद्ध हो गए हों।
ये है भारत के 10 सबसे अमीर मंदिरों की सूची
- पदमनाभ स्वामी मंदिर, त्रिवेंद्र
- तिरूपति बालाजी का मंदिर, आंध्रप्रदेश
- श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी
- सांई बाबा मंदिर, शिरडी
- सिद्घिविनायक मंदिर, मुंबई
- वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू
- सोमनाथ मंदिर, गुजरात
- गुरूवयुर मंदिर, केरल
- काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी
- मीनाक्षी अम्मन मंदिर, मदुरै
आरोप 6. साईं बाबा एक मुस्लमान हैं और हिंदू धर्म का नाश करने के लिए आए हैं।
उत्तर – वैसे इस बात से कोई असर नहीं पड़ता की साईं बाबा हिंदू है या मुस्लमान, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे कार्य हैं जिनके द्वारा उन्हें हिंदू माना जा सकता है जैसे कि:-
- साईं के निवास स्थान को मंदिर कहा जाता है
- साईं की आरती उतारी जाती है
- साईं मंदिर में दिया जलता रहता है
- साईं बाबा के मंदिर में धूनी जलती है
- साईं मंदिर में उदी व चन्दन का टीका लगाया जाता है
- साईं बाबा की मूर्ति स्वरुप में पूजा की जाती हैं
ऊपर लिखे सभी कार्य लगभग सभी हिंदू मंदिरों में सदियों से होते आ रहे हैं। इस के अलावा बहुत से ऐसे कार्य हैं जिनके द्वारा ये सिद्ध हो जाता है कि साईं बाबा की पूजा करने से कम से कम हिंदू धर्म का विनाश तो नहीं होगा, परन्तु बिना वजह साईं बाबा का विरोध करने वालों के कारण हिंदुओं में आपस में नफरत पैदा हो जाएगी। पिछले कुछ सालों में भारत में एक नई शर्मनाक परम्परा शुरू हुई है कि आप किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति पर आरोप लगा दो तो आप भी प्रसिद्ध हो जाओगे। इस लेख के माध्यम से मैं भी अगर किसी प्रसिद्ध व्यक्ति पर आरोप लगा दूँ तो शायद में भी प्रसिद्ध हो सकता हूँ परन्तु इसका क्या लाभ होगा??? साईं बाबा के विरोधी खुद ही विचार करें कि कहीं ऐसा तो नहीं कि मात्र प्रसिद्धि पाने के लिए साईं बाबा पर आरोप लगाए जा रहे हों। हो सकता है ऐसे लोग मीडिया में अपना चेहरा दिखाने की अपनी भूख के वश में ऐसा कर रहे हैं। ऐसे लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे खुद ही ईश्वर की ऐसी भक्ति करें ताकि उन्हें झूठ का सहारा न लेना पड़े। (may be these people are attention seekers and wish for media’s attention).
यहाँ पढ़े
महयोग कुंडलिनी योग
सेहत के सात मंत्र
लक्ष्मी प्राप्ति के दस मंत्र
12 राशियों के अनुसार साईँ बाबा के 12 मंत्र
अब आप सब साईं भक्तों व सभी पाठकों का कर्तव्य है कि इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करके यहाँ लिखी बातों को साईं विरोधिओं तक जरूर पहुँचा दें, ताकि उनके मन में बाबा के प्रति प्रेम उत्पन्न हो न हो, शांति तो जरूर उत्पन्न होगी।